Haryana Civil Services (Judicial Branch) Main Written Examination 2019
HINDI
समय: 3 Hours
कुल पूर्णांक: 100
निर्देश
(क) सभी प्रश्न अनिवार्य है।
(ख) सभी प्रश्नो का उत्तर उसी क्रम में दें, जिस क्रम में प्रश्न पत्र में दिए गय है।
(ग) कोई अतिरिक्त पुस्तिका प्रदान नहीं की जाएगी।
प्रश्न 1
निम्नलिखित गधांश का हिंदी में अनुवाद कीजिए । (20)
The men who make history have no time to write it. When a man is buffeting the waves in the sea, he has no time to contemplate. His mind is set on reaching the shore. It is only when he reaches there that he can look back and review what has happened. This opportunity, however, comes to a few. Those who have shaped the course of human history, devoted every ounce of their energy to action, to the struggle ahead and before they could accomplish their task, death snatched them away. Alexander led his campaign of conquest through different lands, but before he could return to his country, death called a halt. Caesar, Napoleon, Hitler were all great conquerors but they did not get the time to write about what they had done.
प्रश्न 2
निम्नलिखित गधांश की व्याख्या सरल हिंदी भाषा में कीजिए । (15)
राजनैतिक पराधीनता बड़ी बुरी वस्तु है। वह मनुष्य की जीवन यात्रा में अग्रसर होने वाली सुविधाओं से वंचित कर देती है। हमने उस पराधीनता की जंजीरें तोड़ दी हैं। लेकिन सुविधा का पा लेना ही बड़ी बात नहीं है, प्राप्त सुविधाओं को मनुष्य मात्र के मंगल के लिए नियोजित कर सकना ही बड़ी बात है। हमारी राजनीति, हमारी अर्थनीति और हमारी नव-निर्माण की योजनाएं तभी सर्वमंगलमयी-विधायिनी बन सकेंगी जब हमारा हृदय उदार और संवेदनशील होगा, बुद्धि सूक्ष्म और सारग्राहिणी होगी और संकलप महान और शुभ होगा।
यह काम केवल उपयोगी और व्यवहारिक साहित्य के निर्माण से ही अपितु ऐसे साहित्य से होगा, जो मनुष्य को मनुष्य के सुख दुख के प्रति संवेदनशील बनाता है। साहित्य केवल वागविलास का साधन नहीं होना चाहिए। उसे मनुषयता का उननायक होना चाहिए। जब तक साहित्क बहुजन हिताय और मानव कल्याण हेतु नहीं रचा जाता, तब तक उसकी सार्थकता व उपयोगी व्यर्थ है।
प्रश्न 3
निम्लिखित गधांश की व्याख्या कीजिए। (15)
(क)
ओ मेरे आदर्शवादी मन
ओ मेरे सिद्धांतवादी मन
अब तक क्या किया
जीवन क्या जिया
जिया बहुत बहुत ज्यादा
दिया बहुत बहुत कम
मर गया देश
अरे जीवित रहे गए तुम
(ख)
साँप !
तुम सभय तो हुए नहीं
नगर में बसना भी तुम्हे न आया I
एक बात पूछूँ – (उत्तर दोगे) ?
तब कैसे सीखा डसना – विष कहां से पाया ?
प्रश्न 4
(क) निम्लिखित अशुद्व शब्दो को शुद्ध करके लिखिए। (5)
- बाहमण
- मरयादा
- लचछन
- दाइत्त्व
- रचयता
- भरिशट
- नयायउचित
- सनाटा
- ऊरजा
- धनवी
(ख) निम्लिखित अशुद्व शब्दो को शुद्ध करके लिखिए। (5)
- मीरा भकतीकाल की कवी थी
- तेरे को कहा जाना है
- वे परस्पर एक दूरसे से झगड़ने लगे
- उसके पास अनेकों पुस्तके है
- कल घोर घना अंधेरा छा गया
प्रश्न 5 निम्लिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए। (10)
- ऊट के मुँह में जीरा
- जहाँ न पहुंचे रवि वहाँ पहुंचे कवि
- खूटे के बल बछड़ा नाचे
- आधा तीतर आधा बटेर
- तिल के ताड़ बनाना
- शेर का दाँत गिनना
- काठ की हाँड़ी बार बार नहीं चढ़ती
- कलम तोड़ना
- वही ढाक के तीन पात
- छाती पर साँप लोटना
प्रश्न 6 निम्नलिखित विष्यों में से किसी एक पर निबंध लिखिए। (30)
- भारतीय लोकतंत्र दशा और दिशा
- सेंसर बोर्ड की भूमिका
- वरिष्ठ नागरिको की समस्या
- सांप्रदायिकता एक अभिषाप
- समरथ को नहिं दोष गोसाई